संस्था की सथापना वर्ष पर्तिपदा संवत् 2048 को हुई | संस्कृतक मञ्च ने नाटक, संगीत, नृत्य, साहित्य एवम् लोक-कला तथा इतर ललित कलाओं के क्षेत्र में विभिन्न कार्यकर्मों का आयोजन करते हुए समाज में सांस्कृतिक चेतना एवं संस्कार के लिए कार्य करने को अपना उद्देश्य रखा है | इसी परम्परा में कला जगत से जुड़े हुए |
कला साहित्य और संस्कृति को समर्पित संस्था 'सांस्कृतिक मञ्च' विगत 21 वर्षो से समाज में संस्कार सक्षम कार्यकर्मो के माध्यम से सकिर्य एवं गतिशील है |
भिवानी के ग्राम खरक निवासी पंडित श्रीनिवास शाश्त्री खर्किये के सुपुत्र पंडित शिवनारायण शाश्त्री जी (दिल्ली विश्वविधयाल्य के संस्कृति के रीडर पद से सेवानिर्वित ) ने श्री सीतादेवी श्रीनिवास शाश्त्री खर्किये सेवानिधि: द्वारा सांस्कृतिक मञ्च की व्यवस्थाओं को देखते हुए भिवानी में एक 621 वर्गगज का भूखंड दानस्वरूप दिया गया है |इस भूखंड पर मञ्च द्वारा 'सांस्कृतिक सदन' के निर्माण का कार्य चल रहा है | यह सदन पूर्णतया: नर-नारायण की सेवा हेतु एवं सत्संस्कार सक्षम सांस्कृतिक कार्यकर्मों के लिए ही पर्युक्त है | सभागार में बालकनी समेत 250 लोगों के बैठने की समुचित व्यवस्था रहेगी |